मुक्केबाज गौरव बिधूड़ी.
गौरव बिधुड़ी (Gaurav Bidhuri) चीन के फरवरी में होने वाले क्वालीफायर के लिए 57 किग्रा ट्रायल में भाग लेना चाहते थे.
‘कोई मुझे समझाएगा चयन का पैमाना क्या है’
बिधुड़ी ने पीटीआई से कहा, ‘मैं इस अन्यायपूर्ण व्यवस्था से तंग आ चुका हूं. इस साल विश्व चैम्पियनशिप के पदकधारियों को सीधे ओलिंपिक क्वालीफायर में प्रवेश दिया गया था. लेकिन जब मैंने 2017 में विश्व कांस्य पदक जीता था, लेकिन मुझे राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों के ट्रायल में खेलने की अनुमति नहीं दी गई थी. उस समय मुझे कहा गया था कि मैंने ज्यादा प्रतिस्पर्धाओं में भाग नहीं लिया था, इस बार मुझे कहा जा रहा है कि मैंने कड़े प्रतिद्वंद्वियों का सामना नहीं किया. क्या कोई मुझे समझा सकता है कि यहां चयन का मानदंड क्या है? इसका कोई मतलब नहीं बनता.’
इन्हें ट्रायल्स के लिए चुना गयाबिधुड़ी चीन के फरवरी में होने वाले क्वालीफायर के लिए 57 किग्रा ट्रायल में भाग लेना चाहते थे. लेकिन अमित पंघाल (52 किग्रा) और मनीष कौशिक (63 किग्रा) को ट्रायल्स से छूट दे दी गयी. रैंकिंग अंक प्रणाली के आधार पर 57 किग्रा वर्ग में ट्रायल्स के लिए कविंदर सिंह बिष्ट (विश्व चैम्पियनशिप के क्वार्टरफाइनल में रह चुके और एशियाई रजत पदक विजेता), राष्ट्रमंडल खेलों के पदक विजेताओं मोहम्मद हसमुद्दीन और गौरव सोलंकी तथा पूर्व विश्व युवा चैम्पियन सचिन सिवाच को चुना गया.
अधिकारी ने कहा- कोई भेदभाव नहीं
बिधुड़ी के आरोपों का जवाब देते हुए महासंघ के शीर्ष अधिकारी ने नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा कि इस मुक्केबाज को प्रदर्शन के आधार पर बाहर रखा गया. अधिकारी ने कहा, ‘लंबे समय से चयन नीति सार्वजनिक रही है. कोई भेदभाव नहीं किया गया है जैसा कि वह आरोप लगा रहे हैं. इसकी बारीकियों में नहीं जाना चाहता लेकिन रैंकिंग पूरी तरह से प्रदर्शन के आधार पर होती है.’खेल मंत्री बीते समय में स्पष्ट कर चुके हैं कि वह चयन मामलों में हस्तक्षेप नहीं कर सकते क्योंकि यह ओलिंपिक चार्टर का उल्लघंन होगा.
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First published: December 26, 2019, 8:20 PM IST