ABL24न्यूज़
तुम नफ़रत बांटो हम प्यार बांटेंगे
परवेज़ अख़्तर✍️
ज्येष्ठ मास के बड़े मंगलों पर भंडारों में हिन्दू भाइयों के साथ साथ बड़ी तादात में मुस्लिमों ने अपनी भागीदारी रख कर उन चंद नफ़रत फैलाने वालों के मूंह तमाचा मारा है जो हर छोटी और बड़ी बात में आवाम के दिलों में ज़हर घोलने का काम कर रहे हैं!
मुहम्मद साहब सo के बारे में अगर तफसील से जाना जाए तो बगैरस किसी दलील के उनको अपना रहनुमा मान लिया जायेगा, क्योंकि इंसानी शक्ल में यही एक ऐसे शक्स हैं जो किसी एक फिरका या एक कौम के लिए नहीं भेजे गए थे, इनका लक़ब रहमतुलिल आ लामीन था ये पूरे आलम के लिए रहमत बन कर आए थे,
बहरहाल ये उनके बताए रास्ते ही हैं जिनमें उन्होंने कहा था कि तुम तब तक अच्छे इंसान नहीं हो सकते हो जब तक तुम अपने आस पड़ोस और जानने वालों को नफा न पहुंचा सको, तुम्हारा पड़ोसी जो किसी भी धर्म का हो अगर चे भूखा है, तो तुम्हारा खाना तुम पर हराम है!
उन्ही के बताए रास्ते पर चलते हुए मान्यता प्राप्त पत्रकार एसोसिएशन के महामंत्री, लोकप्रिय वरिष्ठ पत्रकार अब्दुल वहीद, विधान सभा के मीडिया सदस्य एसोसिएशन के सचिव जुबेर अहमद,
ने एसोसिएशन के अध्यक्ष हरि ओम व अपने और हिन्दू दोस्तों व भाइयों के साथ मिल कर हमेशा की तरह सूचना विभाग के मुख्यद्वार पर एक “भव्य भंडारे” का आयोजन किया जिसमें रीति रिवाज के साथ शुरुआत करके हर धर्म के लोगों को खाना खिलाया पानी पिलाया। भंडारे में शामिल काफ़ी हिन्दू भाइयों के साथ मुस्लिम समाज से प्रिन्ट मीडिया वर्किंग जर्नलिस्ट एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अज़ीज़ सिद्दीकी, मशहूर लेखक व वरिष्ठ पत्रकार डॉक्टर सुलतान शाकिर हाशमी, आईना के डॉक्टर कामरान, अतहर रज़ा, और समाज में बहुत अच्छी पहचान बना चुके बहुत मशहूर शक्सियत अनीस खान वारसी, तेज़ तर्रार पत्रकार एहसान अहमद, जावेद अहमद, लईक अहमद,एन आलम,नौशाद बिलग्रामी, जावेद बेग, नवाज़ खान, मोहम्मद आमिर, सरफराज़ खान, सय्यद इक़बाल, आमिर मुख्तार, इमरान कुरैशी, मुख्तार अहमद, फुरकान कुरैशी,आफाक मंसूरी, इस्लाम खान, सिराज राइन, जमील मलिक शबाब नूर, शादाब अहमद, जैसे तमाम मुस्लिम लोग शामिल रहे! इनके अलावा पत्रकार जगत की दिग्गज हस्तियां, सुशील दुबे (दादा), हेमंत श्रीवास्तव, व आशीर्वाद देने के लिए हिन्दू धर्म गुरु स्वामी सारंग महाराज भी मौजूद रहे।
भंडारे के आयोजन में मुस्लिम समुदाय का बढ़चढ़ कर हिस्सा लेना, और रोज़ा अफ्तार में हिन्दू भाइयों का बढ़चढ़ कर हिस्सा लेना इस बात की दलील है, के अमन चैन व भाई चारे के सब लोग हिमायती हैं, सब चाहते हैं, मिल जुल कर रहें।
पर कुछ चंद लोग इस भाई चारे और अमन चैन के खुले दुश्मन भी हैं जिनकी तरफ़ से धार्मिक भावनात्मक चिंगारी छोड़ देने भर से आग भड़क जाती है।
समय है ऐसे चंद लोगों को चिन्हित करके उनका बहिष्कार करने की, उनकी हरकतों और बातों को नज़र अंदाज़ करने की, ऐसा कर देने भर से नफरत फ़ैलाने वाले अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो पायेंगे।
और हम लोग जिस गंगा जमुनी तहज़ीब के लिए मशहूर हैं वो वकार भी बरकरार रहेगा।
परवेज़ अख़्तर*
ब्यूरो चीफ़
पुलिस मॉनिटर
ABL24न्यूज़ से
मोहम्मद अरशद अली